मुखाग्नि! – सारिका चौरसिया

Post Views: 10 उनकी चिता धु धु जल रही थी, अस्पताल से साथ आये कर्मचारी बड़ी बेरुखी से चिता पर लाश रखने और दाह कार्य करने की प्रक्रिया को अंजाम दे रहे थे। हाँ!अब वे मात्र लाश ही तो रह गए थे। कोरोना का पहला दौर था,और महामारी अपने चरम पर थी। मृतकों को घर … Continue reading मुखाग्नि! – सारिका चौरसिया