Post View 11,850 ” देख, ये फल लाया है तेरा भाई… हम क्या ऐसे सड़े हुए फल खाएंगे!! और ये मिठाई ….. तुम्हारे मायके में ऐसी मिठाई खाते होंगे हमारे यहां तो नौकर चाकर भी ना खाएं ….. अरे औकात नहीं बेटी को देने की तो ले कर ही क्यों आते हैं ….. इस बार … Continue reading मुझे तो उलाहने सुनने ही हैं… फिर आपका भी नुकसान क्यों होने दूं .. – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi
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