मुझे अपने बेटे पर शर्म आती है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

Post View 84,192 आदित्य के कमरे का दरवाजा अभी तक भी नहीं खुला था, सुबह के नौ बज रहे थे और मंजू जी कब से उसके उठने का इंतजार कर रही थी, कभी वो घड़ी को देखती तो कभी रसोई में ठंडे हो रहे नाशते को, फिर सोचा जाकर दरवाजा बजा देती हूं, पर आदित्य … Continue reading मुझे अपने बेटे पर शर्म आती है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi