मोतीचूर का शाब्दिक अर्थ होता है मोती चूर कर पड़े हुए। मोतीचूर के लड्डू बनाने में वास्तव में ही महीन बूंदी रूपी मोतियों को बांधकर लड्डू बनाये जाते हैं।
मोतीचूर के लड्डू महीन बूंदी से बनी बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है। मोतीचूर एक प्रकार का मीठा पकवान है जो बेसन की छोटी छोटी बूँदियों को चीनी में पाग कर बनाया जाता है। इनको बांधकर लड्डू बनाए जाते हैं।
मोतीचूर के लड्डू भारत की परंपरागत मिठाइयों में से एक हैं। कोई भी खुशी का मौका हो, त्योहार हो या कोई पूजा- पर्व हो, सबसे ज्यादा जो मिठाई सभी को पसंद आती है , वो है मोतीचूर के लड्डू। गणेश भगवान जी प्रथम पूजनीय हैं। गणपति बप्पा को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाया जाता है।
शुभ अवसर पर क्यों न घर पर मोतीचूर के लड्डू बनाएं जाएं। आज मैं आपके साथ मोतीचूर के लड्डू बनाने की रेसिपी शेयर करने जा रही हूॅ॑। एक बार बनाकर देखिए, बाज़ार से लेना भूल जाएंगे।
*******मोतीचूर के लड्डू*******
रेसिपी
सामग्री:
बूंदी के लिए:
बेसन (मोटा):एक कप
केसर फूड कलर ( एक चुटकी भर)
घी: १ छोटा चम्मच
पानी: २३५ मिली
चाशनी के लिए
चीनी: १८० ग्राम
पानी: ९० मिली
नींबू का रस: एक दो बूंद
केसर फूड कलर: एक चुटकी भर
गुलाब जल: १/४ छोटा चम्मच
घी तलने (डीप फ्राइंग) के लिए
छोटी इलायची पाउडर:१/४ छोटी चम्मच
खरबूजे के बीज: २ छोटे चम्मच
विधि:
स्टेप १) बेसन में फूड कलर डालकर घी मिक्स करें। अब धीरे धीरे पानी मिलाए। फेंटते हुए मिलाएं। कोई गुठली या ढेला न रहे। बहुत पतला घोल बनाना है। करीब २०० मिली पानी मिलाने के बाद १५-२० मिनट के लिए रख दें। बेसन फूल जाता है। अब बचा हुआ ३५ मिली पानी भी मिला लें। अच्छी तरह से मिला लें।
स्टेप २) अब बहुत बारीक झारा/ छेदों वाली कलछली लें। कढ़ाही में घी गरम करें। तेज गरम घी मे झारे के ऊपर बेसन का घोल डालते हुए बूंदी घी में छोड़े। डालने के साथ ही निकालना शुरु करें बूंदी को, दूसरे झारे की सहायता से।
निकालकर बूंदी को एक छलनी पर रखें ताकि अधिक घी निकल जाए। १५-२० मिनट तक ऐसे ही रखें, थोड़ा ठंडा होने दें।
इस बीच में चाशनी बना लें।
स्टेप ३) चाशनी : चाशनी बनाने के लिए चीनी और पानी को गैस पर चढ़ा दें। फूड कलर, गुलाबजल और नींबू का रस मिला कर चीनी घुलने तक पकाएं। एक उबाल आने पर गैस से उतार लें।
स्टेप ४) चाशनी को उतारने के साथ ही बूंदी मिला लें। फिर से सिम गैस पर पकाएं। जब मिश्रण ऐसा पक जाए कि न ज्यादा ढीला न गाढ़ा रहे तब आंच से उतार लें। इसकी पहचान ये है कि मिश्रण साइड छोड़ने लगता है। इसमें तकरीबन २-४ मिनट लगेंगे।
स्टेप ५) मिश्रण को ५ मिनट ढककर रखें। फिर इसे थाली में फैला कर , उसमें खरबूजे के बीज और कुटा इलायची पाउडर मिला लें। हल्का ठंडा होने पर लड्डू बांध लें।
स्टैप ६) मोतीचूर के लड्डू तैयार हैं। लेकिन जरा ठहरिए, आप इन्हें चार-पांच घंटे के बाद ही खाइए। इतने समय में बूंदी में रस भर जाता है। बूंदी और चाशनी अच्छी तरह मिक्स हो जाती है।
लड्डू मुंह में जाते ही घुल जाते हैं।
नोट: १) मोतीचूर के लड्डू की बूंदी बहुत महीन बनाई जाती है। झार या कलछली के छेद बहुत बारीक होने चाहिए।
२) बूंदी बनाने के लिए बेसन के घोल को पतला रखना है, अनुपात विधि के हिसाब से लें।
३) घी गरम होना चाहिए। बूंदी डालते ही निकालनी है। ध्यान रहे, बूंदी न कम पके न ही ज्यादा। कम पकने पर कच्चे बेसन का स्वाद आएगा और ज्यादा पकने पर लड्डू कररे ( सख्त) बनेंगे।
४) लड्डू बनाने के कुछ घंटों बाद ही खाएं, बूंदी और चाशनी अच्छे से घुल मिल जाएंगे।
५) मध्यम आकार के १६-२० लड्डू बनेंगे।
दोस्तों, आप इस विधि से मोतीचूर के लड्डू बनाकर अपनी प्रतिक्रिया कमेंट सेक्शन में बताइएगा। रेसिपी लाइक और शेयर कीजिएगा।
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प्रियंका सक्सेना