मोहताज – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

Post View 412 गाँव के चौराहे पर हलचल मची थी। वहाँ एक नया मंच बनाया गया था, जिस पर बड़ा सा बैनर लगा था: “मोहताज कौन?” लोग इस अजीब से सवाल पर चर्चा कर रहे थे। सबको उत्सुकता थी कि आखिर यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है। संध्या समय जब सूरज ढलने को था, … Continue reading मोहताज – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi