मोहल्ले वाला प्यार – बरखा शुक्ला
Post View 906 बिन्नी एक क़स्बेनुमा शहर में रहती थी । उसके बाबूजी की परचून की दुकान है। अब भई कब और कैसे बिन्नी को पड़ोसी का बेटा विनय भा गया ,पता नहीं । विनय के पिताजी की स्टेशनरी की दुकान थी , शहर में जितने भी स्कूल थे ,उनकी किताबें वहाँ उपलब्ध रहती , … Continue reading मोहल्ले वाला प्यार – बरखा शुक्ला
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