मोगरे के फूल – रवीन्द्र कान्त त्यागी

Post Views: 4 किसी सीनेमाई प्रेमी प्रेमिका की तरह दरियाए लिद्दर को पार करके हम दोनों देवदार के घने जंगल में पहुँच गए हैं। एक छोटी सी जलधारा बर्फ के छोटे छोटे टुकड़ों को अपने साथ बहाती, पत्थरों से अठखेलियाँ करती हुई, अपनी बड़ी बहन लिद्दर में विलीन हो जाने को बेताब देवदार और चीड़ … Continue reading मोगरे के फूल – रवीन्द्र कान्त त्यागी