*महा बेइमान** – मधुसूदन शर्मा

Post View 455 “चाय जरा जल्दी मंगाओ यार ! मुझे जाना है।” मनीष ने घड़ी देखते हुए कहा। “अभी तो शाम के छह ही बजे हैं, इतनी जल्दी घर जाएगा।” विनय ने आंखें गोल-गोल घुमाते हुए कहा। “अरे नहीं यार! तुम लोगों को तो पता ही है, अपना बचपन का यार गिरधर, इस जिले में … Continue reading *महा बेइमान** – मधुसूदन शर्मा