“मेरौ दरद न जानै कोय” – कुमुद चतुर्वेदी
Post View 6,589 “क्या बात है तनु आज तुम बहुत उदास लग रही हो,ऐसा लग रहा मानो रात भर सोई नहीं आँखें भी लाल और पनीली दिख रही हैं”सुनते ही तनु फफक कर रो पड़ी मानो उफनती नदी का पानी बाँध तोड़ बह निकला हो।यह देख मौली पहले तो घबरा ही गई फिर कुछ सोचकर … Continue reading “मेरौ दरद न जानै कोय” – कुमुद चतुर्वेदी
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