मेरी प्यारी ननद! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi
Post Views: 12 वैसे तो हॉस्पिटल के बिस्तर पर नींद बहुत मुश्किल से आती थी लेकिन दवाईयोंसे कभी-कभार झपकी लग ही जाती थी। डनलोप की गादी, वातानुकूलित कमरा, गज़ब की शान्ति, सेवा में परिचारीकाएं फिर भी चैन कहाँ था? थोडीसी झपकी लगी नहीं कि अवचेतन मन में अतीत की किताब के पन्ने फड़फड़ाने लगते और … Continue reading मेरी प्यारी ननद! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed