मेरी अरज सुन लीज़ो ओ बाबुल मोरे,, – सुषमा यादव 

Post Views: 8 मेरा दिल, दिमाग़ बिल्कुल ही काम नहीं कर रहा है, बस रात दिन ये ही सोचता रहता है कि आखिर मुझे छोड़कर ऐसे कैसे जा सकते हैं आप बाबू जी, मुझसे ऐसी अनजाने में क्या ग़लती हो गई,, आप तो बहुत ही कर्मठ, आत्मस्वाभिमानी ,परम संतोषी, ईमानदार, नियमित दिनचर्या वाले और गायत्री … Continue reading मेरी अरज सुन लीज़ो ओ बाबुल मोरे,, – सुषमा यादव