मेरे बीमार होने से किसी को फर्क नहीं पड़ता – मनीषा सिंह  : Moral stories in hindi

Post View 3,153 शैली —!  चल अब घर जाने का टाइम हो गया है‌‌——- क्या तू अब ओवर टाइम करेगी ! शैलजा की सहकर्मी श्रेया ने, शैलजा को  धीरे से कहा । शैलजा चाय की आखिरी घूट लेते हुए कहा “यार—- ओवर टाइम ही कर लूंगी” लेकिन अभी घर जाने का मूड नहीं है मेरा।  … Continue reading मेरे बीमार होने से किसी को फर्क नहीं पड़ता – मनीषा सिंह  : Moral stories in hindi