मेरा गुलाब  – दीप्ति सिंह

अभी स्कूल बस आने में देर थी । आरव तैयार था बस करुणा को बालों में कंघी करनी थी। अचानक उसकी नजर बरामदे में रखे गमले के अधखिले लाल गुलाब पर गयी। उसके चेहरे पर मुस्कान के साथ एक याद भी तैर गयी। ” आप मुझे गुलाब नही देंगे क्या?” उसने अरुण से पूछा था। … Continue reading मेरा गुलाब  – दीप्ति सिंह