*मीठा आग़ाज़* – *नम्रता सरन “सोना”

Post Views: 4 “राज, एक बात कहूँ” रश्मि ने कहा। “हाँ बोलो, क्या बात है” राज ने लेपटॉप पर नज़रें गढाए हुए कहा। “पापा के गुज़र जाने के बाद मम्मा बिल्कुल अकेली रह गई हैं, हर समय उनकी फिक्र लगी रहती है कि कहीं रात बिरात उन्हें कोई तकलीफ परेशानी हो गई तो वो कैसे … Continue reading *मीठा आग़ाज़* – *नम्रता सरन “सोना”