मायके के लिए अपने फर्ज कैसे भूल जाऊँ? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

Post View 43,493 “ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोलीं. “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर … Continue reading मायके के लिए अपने फर्ज कैसे भूल जाऊँ? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi