“मायके का एक कोना अपना सा” – रचना कंडवाल

“अरे कृतिका तुमने अपने रूम का क्या हाल बना रखा है?” सीमा कमरे में कदम रखते ही नाराज हो कर बोली।  कृतिका सीमा और आलोक की सत्रह साल की बेटी है। जो इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रही है। वो झुंझला गई। “मम्मा मुझे अलग-अलग बुक्स से पढ़ना पड़ता है। इसलिए इधर उधर फैल जाती हैं।”सीमा … Continue reading “मायके का एक कोना अपना सा” – रचना कंडवाल