मायके के लिए फ़र्ज़ कैसे भूल जाऊँ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Post Views: 12 “ अरे बेटा तू अचानक यहाँ आ गई.. सब ख़ैरियत तो है?” दरवाज़े की घंटी बजते दरवाज़े पर राशि को यूँ अचानक आया देख सुमिता जी बोली “हाँ माँ तुम तो जानती हो मैं बहुत जल्दी घबरा जाती हूँ दो तीन दिन से बड़े बुरे सपने देख रही थी तो सोचा आकर … Continue reading मायके के लिए फ़र्ज़ कैसे भूल जाऊँ – रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi