मायका..अपना या पराया – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

Post Views: 14 ट्रेन अपनी रफ्तार में तेजी से भागे जा रही थी,नीलू एकटक खिड़की में मौन साधे गुमसुम सी अपनी दुनिया मे मग्न थी। पुरानी बातें जेहन में बार बार घूम रही थी। माँ हमेशा कहती थीं-“ऐसे मत करो, वैसे मत रहो, ऐसे पहनो,वैसे न पहनो। तरीके से रहना चाहिए, क्योंकि बेटियों को पराये … Continue reading मायका..अपना या पराया – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi