मातृत्व का अहसास – स्मिता सिंह चौहान

Post Views: 17 हाय री कमला, जरा सुनियों, किसी बच्चे की रोने की आवाज आ रही है।” बरखा इधर उधर नजरें घुमाकर देखने लगी। “लगा तो मुझे भी, लेकिन इस कूड़े के ढेर में थोड़ी ना कोई बच्चा होगा। कान बज रहे है हमारे। अब जल्दी पैर बढ़ा , वरना बधाई कोई और ले जायेगा। … Continue reading मातृत्व का अहसास – स्मिता सिंह चौहान