माता-पिता ने भरोसा तोड़ा (हास्य रचना) – गीता वाधवानी

Post View 628 सब्जी नगर का ठेला सब्जियों से खचाखच भरा हुआ था। चारों तरफ सब्जियों का कोलाहल मचा हुआ था। तराजू को सिंहासन बनाकर उसमें काले-काले बैंगन राजा आसीन थे। उनका हरा ताज दूर से ही चमक रहा था। सभी सब्जियां नारे लगा रही थी।”बैंगन राजा की जय”, बैंगन राजा की जय”।”बैंगन राजा इंसाफ … Continue reading माता-पिता ने भरोसा तोड़ा (हास्य रचना) – गीता वाधवानी