Post View 328 मानव जीवन के खेल निराले हैं,उसमें कभी तो सुख की बरसात होती है,तो कभी गमों के काले बादल उसकी जिन्दगी को अंधेरा कर जाते हैं और वह परिस्थितियों से घबड़ाकर मर्यादा की सीमारेखा को पार करने को मजबूर हो उठता है।अकस्मात् उसकी जिन्दगी के आसमान में मर्यादारुपी बिजली चमककर उसे सही रास्ता … Continue reading मर्यादा – डाॅ संजु झा
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