मृत्यु भोज,, बहिष्कार अथवा स्वीकार,, – सुषमा यादव

Post View 309 ,,,हम अपने देश में बहुत सी परम्पराओं और संस्कारों, तथा प्रथाओं को ज़माने से निभाते आ रहे हैं,, इनमें से समय के साथ कुछ कुरीतियों और कुप्रथाओं में तब्दील हो चुकी हैं हमारे रीति रिवाज,,जो समय के साथ जरूरी भी है,,कब तक हम इन अंधविश्वासी बेड़ियों में जकड़े रहेंगे,, परिवर्तन होना ही … Continue reading मृत्यु भोज,, बहिष्कार अथवा स्वीकार,, – सुषमा यादव