मृत शरीर –  विजय कुमारी मौर्य

Post Views: 4 कान्ती के पैर मानो हवा में उछाल भर रहे हों। वह एक बच्चे को गोद में और दूसरे बच्चे का हाथ पकड़े बदहवासी मेंं रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी। आज से कोई एक साल पहले गोविन्द जब परदेश जाने लगा था तो बेटी पुन्नी ने उसके शरीर से लिपटते हुए … Continue reading मृत शरीर –  विजय कुमारी मौर्य