मृगनयनी – कमलेश राणा

Post Views: 8 निन्नी,,ओ निन्नी,,चल न अब तो,,कितनी देर हो गई,,आज तो माँ से पिटवा के ही मानेगी मुझे,,, बस तानी,,थोड़ी सी देर और रुक जा,,मेरी प्यारी सखी,, बस तेरी ये बातें ही तो बाँधे हुए हैं मुझे,,ओ दैया,,याद आया,माँ ने कच्चे आम तोड़ कर लाने को बोला था,,अचार के लिये,,मैं तो भूल ही गई,, … Continue reading मृगनयनी – कमलेश राणा