Post View 286 रात के करीब 9 बजे थे। मरघट का माहौल बहुत डरावना था एक तरफ एक औरत को लाश जल रही थी। वही दूसरी तरफ एक कुछ लोग झाड़ियों में कुछ छिपा रहे थे। पता नही कैसा मन था उन लोगो जो जीते जागते जीव को कब्रिस्तान में छोड़ गए। एक तरफ वो … Continue reading मरघट – काव्या शर्मा
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