Post View 188 “लड़का होकर भी भूत से डरता है, ही ही ही ही….” दोस्तों की वह हंसी कानों में आज भी गूंजती है… मैं गली में खेलने नहीं जाता था… साथी लड़के मुझे चिढ़ाते थे, अरे ये दब्बू है, अपनी बहनों के साथ खेलता है, लड़कियों वाले खेल, अपनी मम्मी के पीछे ही रहता … Continue reading मर्द का दर्द – सुल्ताना खातून
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