“मनहूसियत” (भाग दो) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा 

Post Views: 4 माँ,तुमने तो मेरे मूंह की बात कह डाली। मैं तो सोच रहा था पर हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था कहने की। आखिर किस तरह और कैसे कहता…समझ नहीं आ रहा था। चलो अच्छा हुआ तुमने मेरे मन की बात खुद ही कह दिया। छोटी को देख रिया भी खुश हो जायेगी।  … Continue reading “मनहूसियत” (भाग दो) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा