मनहूस वो नहीं हम है…. – भाविनी केतन उपाध्याय 

Post Views: 6 मेहंदी की रस्म शुरू होने वाली है और शर्वरी की नजर अपनी एकलौती भाभी को ढूंढ रही है। उसने अपनी दोस्त को मां को बुलाने भेजा अहिल्या जी ने आते ही पूछा “तुमने अभी तक मेहंदी लगवानी शुरू नहीं की?” “नहीं मां, मैं भाभी की राह देख रही थी वो आते ही … Continue reading  मनहूस वो नहीं हम है…. – भाविनी केतन उपाध्याय