मनौती – कल्पना मिश्रा

Post View 477 “हे प्रभु,सवा सौ का प्रसाद चढ़ाऊंगी,,पर इस बार भी उसे बेटा ही देना” वो हाथ जोड़े बार-बार प्रार्थना कर रही थीं।फिर उन्हें बेचैनी सी होने लगी तो उठकर चहलकदमी करने लगीं। “आज ग्यारह तारीख़ है।सौर की वजह से छोटी बहू के साथ कम से कम सवा महीना तो रहना ही होगा…मतलब अगले … Continue reading मनौती – कल्पना मिश्रा