मन में ही छुपे हैं, खुशियाँ और गम * – पुष्पा जोशी

Post View 1,665 राजेश्वर जी अपने आलीशान बंगले के कारिडोर में, आराम से आराम कुर्सी पर बैठे थे. संद्या का समय था. वे कॉलेज में हिन्दी के प्रोफेसर थे, और एक अच्छे लेखक भी.सेवानिवृत्ति  के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान अपने लेखन पर केन्द्रित कर दिया था. कल उनकी पुस्तक ” कभी खुशी कभी गम … Continue reading मन में ही छुपे हैं, खुशियाँ और गम * – पुष्पा जोशी