मन का मैल – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Post Views: 6 डिंग डांग डोर बेल बजी तो सुभाषिनी बिस्तर से उठ कौन हैं कह कर दरवाजा खोलने चल पड़ी सोचती जा रही थी इस भरी दोपहरी भला कौन आया होगा दरवाजा खोलते ही अवाक रह गई रत्ना कह कर सुभाषिनी रत्ना के गले लग कर रो पड़ी पूरे तीन साल बाद रत्ना को … Continue reading मन का मैल – प्रवीण सिन्हा : Moral Stories in Hindi