“मन-आंगन ” – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi

Post View 817 आज मेरे पास अपना खूबसूरत सा आशियाना है ,सब सुख सुविधाऐं हैं!बेहद प्यार करने वाला ससुराल है,नाज नखरे उठाने वाला हमसफ़र है!नौकर-चाकर घोड़ा गाड़ी सबकुछ है! फिर भी मेरे मन का मयूर गाहे-बगाहे ससुराल की जिम्मेदारियों को छोड़,रीति-रिवाजों के बंधन तोड़ मायके की चौखट लांघ बाबुल के आंगन में उन खट्टी मीठी … Continue reading “मन-आंगन ” – कुमुद मोहन   : Moral Stories in Hindi