ममता का रिश्ता – कंचन श्रीवास्तव

Post View 382 ये कोई कहने की बात नहीं है कि जब दिन गर्दिश भरे हो तो कोई साथ नहीं देता,चाहे खून का ही रिश्ता क्यों न हो। कभी कभी सोचता हूं रिश्ता तो खून का ही मां के साथ भी होता है फिर वो क्यों नहीं बदलती। मुझे अच्छे से याद है जब हम … Continue reading ममता का रिश्ता – कंचन श्रीवास्तव