मक्खनबड़े – नीरजा कृष्णा

Post Views: 5 माधवी की मायके जाकर होली खेलने की अतीव इच्छा इस साल पूरी हुई। पाँच सालों के बाद वो सपरिवार आगरा पहुँची थी। इतने लंबे सफ़र की थकान के बाद सुबह आँखें खुलीं तो रसोईघर से आती खटर पटर की आवाज से चौंक गई… अरे इतनी सुबह कौन हैं। दीवार घड़ी पर निगाह … Continue reading मक्खनबड़े – नीरजा कृष्णा