Post View 309 माधवी की मायके जाकर होली खेलने की अतीव इच्छा इस साल पूरी हुई। पाँच सालों के बाद वो सपरिवार आगरा पहुँची थी। इतने लंबे सफ़र की थकान के बाद सुबह आँखें खुलीं तो रसोईघर से आती खटर पटर की आवाज से चौंक गई… अरे इतनी सुबह कौन हैं। दीवार घड़ी पर निगाह … Continue reading मक्खनबड़े – नीरजा कृष्णा
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