मजबूरी या तिरस्कार – आरती मिश्रा
Post View 312 शर्मा जी सुबह सुबह स्वच्छ और ताजी हवाखोरी करने रोजाना निकल जाया करते थे। अब वक्त बेवक्त मौसम की मार तो कोई जानता नहीं तो शर्मा जी भला कैसे जानते। ऐसे ही बेवक्त मौसम की मार से ही धोखा हुआ हो नहीं तो मजाल है कि हवाखोरी किसी भी वजह से टल … Continue reading मजबूरी या तिरस्कार – आरती मिश्रा
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed