मैं तुम्हारे पास हूँ – मणि शर्मा

Post Views: 2 “हरिया !ओ हरिया ! जरा चाय दे जा”,दरवाजे से अखबार उठाते हुए सोमनाथ जी ने आवाज दी.आँगन में पड़ी मेज पर मोटी धूल जमी थी. जाने क्यों उन्हें लगा जैसे कि सुमित्रा गुस्सा हो कर कह रही है, “कभी कुछ काम कर लिया करो ,कितनी धूल हो रही है.”सोमनाथ जी ने अखबार … Continue reading मैं तुम्हारे पास हूँ – मणि शर्मा