मैं तुम्हें तुम्हारा हक लौटना चाहता हूँ – संगीता अग्रवाल 

Post View 2,791 “बिंदिया  तुम यहाँ ” अचानक दीपेश  की आवाज़ सुन बिंदिया  रुक गई. ” हम्म् मैं यहाँ एक पार्लर चलाती हूँ, पर तुम यहाँ कैसे? “ ” मैं ऑफिस के काम से आया था.. पर तुम्हें यहाँ आने की क्या जरूरत पड़ी और पार्लर का काम कब सीखा? “ “जरूरत सब सिखा देती … Continue reading  मैं तुम्हें तुम्हारा हक लौटना चाहता हूँ – संगीता अग्रवाल