मैं नौकरानी नहीं हूं – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

 मानवी अपना लैपटॉप का चार्जर ढूंढ रही थी और सीमा को गुस्से में चिल्ला रही थी.. मुझे लैपटॉप का चार्जर भी नहीं दिख रहा है… तभी सीमा ने कहा- कि दीदी मैंने उसे अलमारी के अंदर रख दिया था।

सीमा ने कहा तुम्हें किसने कहा था? उसे अलमारी के अंदर रखने के लिए अरे !दीदी मैंने सोचा कि आप हर सामान अलमारी के अंदर रखती है.. तो मैं सोचा डस्टिंग कर लूं.. और सभी सामान को बाहर निकाल दूंगी ओके थैंक यू कुछ काम तरीके से करना नहीं आता है.. मानवी अपना टिफिन अपना सामान लेकर ऑफिस के लिए निकल पड़ी.. मानवी बैंक में मैनेजर पद पर कार्यरत है.. लगभग उसे काम करते-करते 20 साल हो गए थे।

 मानवी को हमेशा चिडचिडाहट रहती थी कुछ साल पहले पति मानव ने उसे छोड़कर अपनी एक गर्लफ्रेंड को साथ में रख लिया था। मानवी की चिडचिडाहट दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी ।

मानवी के एक बेटा 11वीं कक्षा में पढ़ता था ..उसकी सारी जिम्मेदारी मानवी ने लेकर रखी थी।

 पति ज्यादा पैसे कमा नहीं पता था देखते ही देखते कुछ साल बीत गए और बीच-बीच में मानव मानवी को परेशान करने के लिए घर पर आता रहता था ।

जिसके कारण मानवी बहुत परेशान हो जाती थी वह सारा गुस्सा.. सीमा पर निकलती थी।

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 सीमा सास की बहन की बेटी थी जो पढ़ने के लिए शहर में आई थी सास की छोटी बहन जो अपना रोज का काम करके ही पैसा कमाती थी।

   जिससे उसके बच्चे पढ़ पाते थे इस तरह से उसका जीवन निकलता था ।

अचानक मानवी को याद आया की सीमा यदि घर पर आ जाए तो मैं उसका सारा खर्चा देने तैयार हूं..

 और मुझे बाई भी ना लगाना पड़ेगी यह सब सुनकर सास ने हांमी भर दी.. और सीमा को तुरंत ही खबर कर दी।

 सीमा भी खुश हो गई कि मुझे इतने बड़े घर में रहने का मौका मिलेगा और मैं अच्छी पढ़ाई कर सकूंगी।

 सीमा के घर में आते ही मानवी की खुशी का ठिकाना ना रहा लेकिन धीरे-धीरे दिन बीतते गए और मानवी सीमा से घर का हर काम करने लगी।

 खाना बनवाना डस्टिंग करवाना झाड़ू पोछा करवाना यहां तक कि वह अपने बेटे को उसके ही भरोसे छोड़कर चली जाती थी ।

बेटा अब 11वीं कक्षा पास करके 12वीं कक्षा में आ रहा था लेकिन एक गिलास पानी भी खुद से लेकर नहीं पीता था ।

सीमा बुआ पानी दे दो सीमा बुआ खाना लगा दो बस यही

 कहता रहता था।

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एक दिन तो हद ही पर हो गई मानवी जैसे ही ऑफिस से आई और सीमा से कहने लगी आज तो मेरे पैर दबा दो मेरे पैरों में बहुत दर्द हो रहा है तब सीमा कहने लगी की भाभी मैं इतने दिनों से आपके घर में रह रही हूं मैं हर काम कर रही हूं और आज आपने तो हद कर दी मैं अपनी पढ़ाई भी नहीं कर पाती और सारे घर का काम करती रहती हूं.. जब मैं आपके पास आई थी तो मैं सोच रही थी ।

कि मैं अच्छी पढ़ाई करके आपकी जैसी नौकरी करूंगी लेकिन मुझे तो पढ़ाई करने का टाइम ही नहीं मिलता और आज आप कह रही है।

 मेरी पैर दबा दो मुझे दबाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन आप मुझे भी तो समझा करो हर समय में काम ही करती रहती हूं।

 मैं नौकरानी तो नहीं हूं पर मैंने दिल से आपके सारे काम की है और आज आपने मेरे सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।

 मैं जो अपने अरमान लेकर आए थे उसे आपने पूरी तरह से धो दिया मैंने सोचा था मैं यहां से अच्छे से पढ़ाई करके अपने शहर में वापस जाऊंगी.. लेकिन अब मैं किसी को मुंह दिखाने लायक भी नहीं बची हूं।

 क्योंकि मैं बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं कर पाई हूं मानवी ने सीमा से कहा कि मैं तुमसे क्षमा मांगती हूं मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई है ।

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मैं भी अनजान थी और तुम काम करती थी और मैं तुमसे काम कराती रहती थी ।

सीमा को गले लगाते हुए कहा कि अब हम दोनों मिलकर काम करेंगे तुम अपनी पढ़ाई अच्छे से कर सको

और कुछ दिनों बाद ऐसे ही हुआ… मानवी ने सीमा की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया.. सीमा के साथ काम करने लगी और एक कोचिंग में एडमिशन दिला दिया .. सीमा ने भी दिन-रात मेहनत की काम के साथ-साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया।

 मानवी बीच-बीच में सीमा की हेल्प कर दिया करती थी कभी जनरल नॉलेज के नोट्स बना दिया करती थी और कभी उसके साथ नोट्स बनाने में हेल्प कर दिया करती थी।

 इस तरह से सीमा मानवी के साथ कंफर्टेबल होकर रहने लगी और एक दिन सीमा ने कॉम्पिटेटिव एक्जाम क्लियर करके वह भी एक क्लास वन ऑफिसर बन गई ।

जब सीमा का रिजल्ट आया तब उसी ने मानवी को कहा भाभी आज मैं आपके कारण यह एग्जाम निकल पाई हूं ।

और मैं भी आपकी तरह एक ऑफिसर बन गई यह एहसान में आपका जिंदगी भर कभी भी नहीं भूलूंगी यह कहते हुए सीमा के आंसू जर्जर गिरने लगी।

 मानवी ने कहा नहीं सीमा इसमें सिर्फ तुम्हारी मेहनत है और तुमने मेरी आंखें खोल दी थी।

 इस कारण से तुमने सफलता प्राप्त की तुमने भी मेरी बहुत मदद की है मैं भी तुम्हारा कभी एहसान नहीं 

भूलूंगी।

विधि जैन

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