मैं इस घर को प्यार का मंदिर समझती थी – चाँदनी झा 

Post View 531 “बेटा तुम तो ऐसी न थी, घर में कोई कुछ कह दे तो घर माथे पर उठा लेती थी…और आज?” मालती जी ने मोनिका को फोन पर उसकी हालत जानकर कहा। आंखों में आंसू छिपाते हुए, मोनिका ने कहा मां, दर्द होता है तो तुम्हें बता देती हूं, अच्छा लगता है। पर … Continue reading मैं इस घर को प्यार का मंदिर समझती थी – चाँदनी झा