मैं अपने अहंकार में रिश्तों के महत्व को भूल गई थी। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
Post View 5,910 अजेय अपने दफ्तर से छुट्टी लेकर अपनी पत्नी स्नेहा दोनों बच्चे धीर व साची के साथ अपनी छोटी साली प्रतिमा की शादी में शामिल होने के लिए ससुराल पहुंँचा । वहांँ घर में दाखिल होते ही अजेय, उसकी पत्नी और बच्चों ने भव्या(सासु मांँ) का चरणस्पर्श किया। उसने हल्की मुस्कान बिखरते हुए … Continue reading मैं अपने अहंकार में रिश्तों के महत्व को भूल गई थी। – मुकुन्द लाल : Moral Stories in Hindi
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