मैं अपने अहंकार के आगे रिश्तों का महत्व भूल गई – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“हलो टीना!रिनी बोल रही हूं!विकास एक हफ्ते को मुंबई ट्रेनिंग में जा रहे हैं!बड़ा मन है दो-चार दिन तुम्हारे साथ रहने का!तुम कहो तो मैं तुम्हारे पास आ जाऊं”? टीना ने अपने पति मुकेश को रिनी के आने के बारे में बताया तो उसने मुँह बनाकर जवाब दिया”बस तुम मिडिल क्लास लोगों के साथ यही … Continue reading मैं अपने अहंकार के आगे रिश्तों का महत्व भूल गई – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi