माफी (कहानी) – डाॅ संजु झा

Post View 958 अनिता मूँदीं आँखों से अस्पताल के बिस्तर पर लेटी-लेटी अपनी जिन्दगी का लेखा-जोखा लगा रही थी।उसकी आँखों के कोर से आँसू बह रहे थे।उसी समय हरी मखमली घास -सी  डाॅक्टर  बेटी नीरा की शीतल छुअन उसके तन-मन को शीतल कर गई। पश्चाताप उसकी आँखों से आँसू बनकर बह रहा था।उन आँसुओं ने … Continue reading माफी (कहानी) – डाॅ संजु झा