माँ सब देखती हैं – विभा गुप्ता
Post View 668 अंधेरा गहरा रहा था।मंत्री जी ने टेबल पर रखी गिलास में शराब की अंतिम बूँद को भी गटक लिया और आवाज़ लगाई, ” अबे हरिया, कहाँ मर गया है?” ” जी मालिक …” ” हममम… मेरा सामान कहाँ है?” ” मालिक, आपहीं के कमरे में तो रख..” ” ठीक है.. ठीक है.., … Continue reading माँ सब देखती हैं – विभा गुप्ता
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