मां की इज्जत – शुभ्रा बैनर्जी

Post Views: 3 निर्मला आज पूरे कॉलोनी में लड्डू लेकर अपने कैंटीन के उद्घाटन का न्योता दे रही थी।समय के साथ जैसे हर दिन एक नई निर्मला अवतरित होती जा रही थी।वही जोश,वही उमंग,वही हंसी।बहुत कुछ बदला था उसकी ज़िंदगी में,पर नहीं बदली तो उसकी हिम्मत।पिछले बीस सालों से जानती थी मैं उसे। हमारी सोसायटी … Continue reading मां की इज्जत – शुभ्रा बैनर्जी