मां की आह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Story In Hindi
Post View 10,899 बाबूजी नौकरी में रहते ही,घर बनवा गए थे। फिजूलखर्ची ना करने वाले बाबूजी ने गांव में बंजर पड़ी काफी ज़मीन खरीद कर रखीं थीं।वैभव को पढ़ा-लिखा कर नौकरी भी लगवा दी और दोनों बेटियों की शादी भी करवाई थी संपन्न घरों में।उनकी मृत्यु के पश्चात अक्सर वैभव मां को ताना देता था”मां,तुमने … Continue reading मां की आह – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Story In Hindi
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed