माॅ॑ का जाना – प्रियंका सक्सेना

Post Views: 127 “सुधा, बेटा माॅ॑ को दूसरा अटैक आया है…” सुबह-सुबह फोन का रिसीवर उठाते ही कानों में पापा की आवाज़ पड़ी तो अश्रुधारा अनायास ही कब नेत्रों से बहकर आंचल भिगोने लगी, पता ही नहीं चला। पास में सोए अमर की नींद भी मुंह अंधेरे बजती फोन की घंटी से टूट चुकी थी, … Continue reading माॅ॑ का जाना – प्रियंका सक्सेना