लेखा – जोखा  – डा उर्मिला सिन्हा

Post View 250       पूरी महिला मण्डली में कोहराम मचा हुआ था,”मेरा मायका बड़ा “!    ” तो मेरा मायका उससे भी बड़ा “!   “मेरे भ‌ईया ने राखी पर झुमके दिलवाए “। “तो मेरे छोटे भाई ने कंगन”!, कोई रंग-बिरंगी सिल्क, बनारसी,बंधेज,छापेदार साड़ियों का तह खोलकर प्रर्दशन कर रही थी ।  तो कोई मन ही मन कुढ़ … Continue reading  लेखा – जोखा  – डा उर्मिला सिन्हा