Post Views: 2 दो पीढ़ियों से परिवार में कुल का नाम रोशन करने वाले बेटे का आगमन नहीं हुआ। बेटे अथर्व की एक बेटी प्रिया थी। इस बार बहू शुचि की गोद में बेटी व बेटे के रूप में जुड़वाँ बच्चे आए। दादा दादी को मिठाइयाँ बाँटने से फुर्सत नहीं। दादी कहती परी ही अपने … Continue reading लक्ष्मण रेखा – सरला मेहता
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