Post View 235 दो पीढ़ियों से परिवार में कुल का नाम रोशन करने वाले बेटे का आगमन नहीं हुआ। बेटे अथर्व की एक बेटी प्रिया थी। इस बार बहू शुचि की गोद में बेटी व बेटे के रूप में जुड़वाँ बच्चे आए। दादा दादी को मिठाइयाँ बाँटने से फुर्सत नहीं। दादी कहती परी ही अपने … Continue reading लक्ष्मण रेखा – सरला मेहता
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