*लौटता वजूद* – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Post Views: 10   सच कहूं सुचि, मैं शादी करना ही नही चाहती।मेरे मन मे हमेशा एक डर सा बैठा रहता है, मैं भयभीत रहती हूं।        शालू कैसी बहकी बहकी बाते कर रही हो।तुम्हे किस बात का डर?अरे शादी तो एक दिन सभी को करनी ही होती है।        सुचि की बात सुनकर शालू चुप हो गयी।वो … Continue reading *लौटता वजूद* – बालेश्वर गुप्ता  : Moral Stories in Hindi