Post View 256 अब तुम्हारी इस मार का और तुम्हारी भद्दी गालियों का कोई असर नहीं होता मुझपर। हरसू तुम्हारी हर पल यही मंशा रहती है,कि मैं कुछ कहूं और तुम दुगनी रफ्तार से मुझ पर वार करो, लातों के और शब्द बाणों के,मगर मैं ऐसा नहीं करूंगी । मैं पहले तुम्हें रोकती थी,तुम पर … Continue reading लापता – पुष्पा जोशी
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